मनोज सिंह शुमाली, बांदा : अवैध कब्जों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में बुल्डोजर गरज रहा है। बुंदेलखंड के मंडल मुख्यालय बांदा में उल्टी हवा चल रही है। अवैध खनन के लिए बदनाम इस क्षेत्र में इस समय भू-माफियाओं की दखल बढ़ गई है। अवैध रूप से प्लाटिंग का ऐसा खेल चल रहा है जिसमें भू-माफिया बड़े पैमाने पर धांधली कर रहे हैं। हजारों-लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों की स्टांप चोरी कर सरकार को बड़ी राजस्व हानि पहुंचा रहे हैं। किसान से 100 रुपए के स्टांप पर जमीन लिखवाकर सीधे खरीददार को बेच रहे हैं। यह इतना बड़ा खेल है कि अगर सरकार जांच करा ले तो अधिकारियों से लेकर कई सफेदपोश तक नप जाएंगे।
सरकार ध्यान दे तो करोड़ों की स्टांप चोरी खुलेगी
यह इतना बड़ी धांधली है कि अगर सरकार ध्यान दे, तो प्रदेश में एक बड़ा घोटाला खुलेगा। साथ ही सरकार की आमदनी के रास्ते भी खुलेंगे। भूमाफिया तो जेल जाएंगे ही, कई अधिकारी और सफेदपोश भी सलाखों के पीछे होंगे। दरअसल, सूत्र बताते हैं कि बांदा शहर से सटे इलाकों में व हाइवे पर किसानों की जमीनों को ओने-पौने दामों पर खरीदकर प्लाटिंग के दाम में बिक्री की जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह भू-माफियाओं का यह खेल काफी समय से चल रहा है, लेकिन प्रशासन इससे अंजान बना हुआ है।
..तो कई सफेदपोश भी होंगे सलाखों के पीछे
भू-माफिया जमीन खरीदने के लिए सिर्फ स्टांप पर एग्रीमेंट कराते हैं। यानी करोड़ों की स्टांप चोरी से सरकार को भारी चूना लगा रहे हैं। मामले में सरकार ध्यान दे तो करोड़ों की स्टांप चोरी के साथ-साथ कई सफेदपोश सलाखों के पीछे होंगे। बांदा में चिल्ला बाईपास हो या, तिंदवारी बाईपास, नरैनी और भूरागढ़ क्षेत्र। सभी जगहों पर भू-माफियाओं बड़े पैमाने पर जमीनों को किसानों से ओने-पौने दामों पर खरीद रहे हैं। बाद में इन जमीनों को प्लाटिंग करते लाखों में बेचा जा रहा है।
खुलेआम प्रापर्टी डीलिंग के नाम पर भू-माफिया कर रहे धंधा
शहर में वाकयदा कई जगहों पर दफ्तर बनाकर इस काम को भू-माफिया वाकयदा लिगली यानी कानूनी जामा भी पहना रहे हैं। खुलेआम प्रापर्टी डीलिंग का बोर्ड लगाकर धंधा कर रहे हैं। कई लोगों ने सत्ता का चोला ओढ़ लिया है, ताकि उनपर कार्रवाई न हो। शहर में डीएम कालोनी, चिल्ला रोड, रोडवेज बस स्टेशन के आसपास और कई इलाकों में प्रापर्टी डीलिंग के कथित दफ्तर चल रहे हैं। वहीं भूरागढ़, चिल्ला रोड, कताई मिल के आसपास, तिंदवारी रोड, छोटे बाईपास के पास और नरैनी व अतर्रा रोड पर अवैध प्लाटिंग का खेल खुलेआम देखा जा सकता है।
बांदा विकास प्राधिकरण, दुकानदारों को नोटिस और माफियाओं पर मेहरबान
बांदा विकास प्राधिकरण की बात करें तो पूरा जिला जानता है कि वहां सबकुछ ठीक नहीं है। विभाग की छवि भी बहुत ठीक नहीं है। बीच-बीच में कुछ तेज-तर्रार अधिकारी आते हैं और काम करते हैं। विभाग की साख चमकाते हैं। उनके जाने के बाद फिर वहीं पुराने ढर्रे पर नोटिस को निपटारे पर मामला सीमित हो जाता है। हालांकि, इस संबंध में जब बीडीए के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। छोटे दुकानदारों को नोटिस देकर विभाग परेशान करता है। वहीं भू माफियाओं को पूरी छूट है। क्या बिना विभाग की मर्जी के इतना बड़ा गोरखधंधा मंडल मुख्यालय के आसपास चल सकता है..? यह खुद में बड़ा सवाल है। अगली बार दूसरी किश्त..
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