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खुलासा : पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के पौत्र की सुसाइड मामले में नया मोड़, परिजनों ने तहरीर दी

Chitrakoot : new twist in suicide case of grandson of former minister Chandrika Prasad Upadhyay, family members filed complaint

समरनीति न्यूज, बांदा/चित्रकूट : यूपी के पूर्व राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के बड़े भाई के पौत्र की सुसाइड मामले में नया मोड़ आ गया है। परिवार के लोगों ने बेटे की पीठ पर चोटों के निशान देखने के बाद पिटाई से आहत होकर सुसाइड करने की बात कही है। साथ ही थाने में तहरीर भी दी है। परिवार के लोग छात्र का बांदा के अतर्रा थाने पहुंचे। साथ ही पोस्टमार्टम की भी मांग की। परिजनों ने आरोप लगाया है कि बीती 3 मार्च को उनके बेटे को कुछ युवकों ने बुरी तरह से पीटा था। तब भी उन लोगों ने थाने में तहरीर दी थी। मगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। पुलिस कार्रवाई करती तो युवकों का दुस्साहस न बढ़ता और उनका बेटा सुसाइड नहीं करता।

परीक्षा से लौटकर लगाई थी फांसी, ये था पूरा मामला

बताते चलें कि यूपी सरकार में मंत्री रहे चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के बड़े भाई श्याम उपाध्याय के पौत्र इंटरमीडिएट के छात्र राघव ने सोमवार शाम संजय नगर स्थित किराए के मकान में फांसी लगा ली थी। वह इंटरमीडिएट की परीक्षा देकर लौटा ही था।

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इसके बाद उसने सुसाइड कर ली। छात्र के पिता विमल उपाध्याय चित्रकूट के रसिन गांव स्थित अपने घर गए हुए थे। बहनों ने सबसे पहले भाई के शव को फांसी पर लटकता देखा। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग भी वहां पहुंचे। तब पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने छानबीन की।

अंतिम संस्कार के दौरान पीठ पर चोटों के निशान दिखे

परिवार अंतिम संस्कार के लिए शव को पैतृक गांव चित्रकूट के भरतकूप के रसिन गांव लेकर पहुंचे। वहां उसके शरीर पर चोटों के निशान दिखाई दिए। वहां से परिवार के लोग शव लेकर अतर्रा थाने पहुंचे। दारोगा पवन पांडेय ने जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

पुलिस पर गंभीर आरोप, शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं

मृतक छात्र के चचेरे बाबा पूर्व चिकित्साधिकारी डा. चुन्नीलाल उपाध्यय का कहना है कि पुलिस ने मामले में लापरवाही घटना का कारण बनी। कहा कि बीती 3 मार्च की शाम कोचिंग से लौटते समय राघव को शराब के नशे में धुत्त युवकों ने मारापीटा था। पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

पुलिस कुछ करती तो नहीं बढ़ता आरोपियों का दुस्साहस

शिकायत के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। आरोपियों का दुस्साहस बढ़ा और सोमवार को परीक्षा देकर लौट रहे राघव को फिर उन्हीं युवकों ने मारापीटा। इससे क्षुब्ध होकर उसने फांसी लगा ली। थानाध्यक्ष अतर्रा हरीशरण सिंह ने स्वीकारा है कि 3 मार्च को युवकों में झगड़ा हुआ है। साथ ही कहा कि बाद में उनमें समझौता हो गया था।

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