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सेना प्रमुख ने यूएन की रिपोर्ट को किया सिरे से खारिज, सेना के काम की सराहना की

थल सेना प्रमुख विपिन रावत।

समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः देश के सेना प्रमुख जनरल बिपिन राव ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कश्मीर में मानवाधिकार हनन की बात कही गई है। जनरल रावत ने कहा कि यह रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है और खास मंशा और प्रायोजित ढंग से इसे सामने लाया गया है। लिहाजा इसमें गंभीरता से लेने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंन कहा कि कश्मीर में सेना बहुत ही शानदार ढंग से काम कर रही है।

बताते चलें कि इससे पहले भारत सरकार भी इस रिपोर्ट को खारिज कर चुकी है। देश के विदेश मंत्रालय द्वारा कहा जा चुका है कि उक्त रिपोर्ट अत्यधिक पूर्वाग्रह से ग्रसित है और यह भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है। यूएनएचआरसी ने अपनी 49 पेज की रिपोर्ट में कश्मीर में मानवाधिकार हनन की बात कही थी लेकिन यूएन की इस रिपोर्ट पर उस समय विवाद हो गया था जब यूएनएचसीआर के प्रमुख को पाकिस्तानी लाबी के लोगों के साथ देखा गया। भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को गलत ठहराया था।

यूएनएचआरसी की इस रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (1990) को तत्काल निरस्त करने की बात कही गई है। साथ ही मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपी सुरक्षा बलों के खिलाफ मुकदमों के लिए केंद्र सरकार की अनुमति लेने की अनिवार्यता को भी खत्म करने को भी कहा गया है। बताते चलें कि यह पहला मौका है जब यूएनएचआरसी ने जम्मू-कश्मीर और पीओके में कथित मानवाधिकार हनन पर कोई रिपोर्ट दी है। इस रिपोर्ट को शुरू से ही पूर्वाग्रह से ग्रसित होने के तौर पर देखा जा रहा है जो सत्य से परे नजर आती है।