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UP BJP : I.N.D.I.A. के चलते भाजपा फूंक-फूंककर रख रही कदम, जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का बढ़ा इंतजार

UP civic elections : BJP expels 13 more rebels from party, including 3 outgoing chairmen

मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : लोकसभा चुनाव 2024 की घड़ियां लगातार नजदीक आ रही हैं। वहीं यूपी में भाजपा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का इंतजार बढ़ रहा है। संगठनात्मक फेरबदल का सर्वे पूरा होने के डेढ़ महीने बाद भी जिलाध्यक्षों का नियुक्ति नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि विपक्षी संगठन I.N.D.I.A. की सक्रियता को देखते हुए भाजपा अब फूंक-फूककर कदम रख रही है। यही जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में देरी की वजह है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा अब जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में युवाओं-महिलाओं को प्राथमिकता और जातिगत समीकरणों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

दावेदारों की नहीं थम रही लखनऊ से दिल्ली तक दौड़

हालांकि, इस देरी से पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। साथ ही दावेदारों की लखनऊ से दिल्ली तक की दौड़ थम नहीं रही है। जिलाध्यक्ष संगठन के कार्यों से ज्यादा अपनी मजबूती में जुटे हैं। बताते चलें कि भाजपा ने संगठन को और मजबूत बनाने के लिए नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का फैसला किया था।

25 जुलाई तक होनी थी नए जिलाध्यक्षों की घोषणा

इसके लिए जुलाई के दूसरे सप्ताह में यूपी के सभी जिलों में पर्यवेक्षक भेजे गए। पार्टी सूत्रों के अनुसार पर्यवेक्षकों ने 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को सौंप दी।

मन की बात, हर घर तिरंगा जैसे कार्यक्रम प्रभावित

फिर पार्टी की ओर से संकेत मिले कि 25 जुलाई तक नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी। हालांकि, इसके लगभग डेढ़ महीने बाद भी कार्यकर्ताओं को नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का इंतजार है। ऐसे में पार्टी सूत्र बताते हैं कि मौजूदा जिलाध्यक्ष भी इसे लेकर असमंजस में हैं। पद पर बने रहने के जुगाड़ में लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं। कहीं न कहीं इससे मन की बात, हर घर तिरंगा जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी प्रभावित हो रहा है।

युवाओं-महिलाओं को प्रमुखता, लेकिन यह पेंच फंसा

माना जा रहा है कि भाजपा यूपी में 60 से 70 प्रतिशत तक जिलाध्यक्षों का बदलाव करेगी। बस इसी पर सहमति में पेंच फंसा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले इतने बड़ा बदलाव को लेकर संगठन और सरकार के वरिष्ठों में सहमति नहीं बन सकी है। कहा जा रहा है कि कुछ रणनीतिकारों का मानना है कि बड़ा परिवर्तन चुनावी गतिविधियां प्रभावित कर सकता है।

दो कार्यकाल, रिमोट वाले और ऐसे लोग बदले जाएंगे

कुल मिलाकर, इतना तो तय है कि दो कार्यकाल पूरा कर चुके जिलाध्यक्ष निश्चिततौर पर बदले जाएंगे। साथ ही उप चुनावों, नगर निकाय चुनावों में जिन जिलाध्यक्षों की भूमिका पर सवाल उठे हैं, वे भी बदले जाएंगे। इसके अलावा ऐसे जिलाध्यक्ष भी बदले जाने वाली लिस्ट में हैं जिनका रिमोट दूसरों के हाथों में है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा महिलाओं के साथ-साथ युवाओं को जिलाध्यक्ष बनाने में प्रमुखता देगी। इसमें जातिगत समीकरणों का खास ध्यान रखा जाएगा।

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