समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा के बबेरू क्षेत्र में एक अनोखी शादी इस समय सुर्खियों में छाई है। भदावरी गांव में सोमवार को हुई यह शादी खास बन गई। दरअसल, बाराती 40 बैलगाड़ियों से बारात लेकर गांव पहुंचे। साथ में 15 घुड़सवार भी मौजूद रहे। करीब 10 किमी का सफर करते हुए यह बारात जहां से भी गुजरी, लोगों ने खूब निहारा। जिसने देखा वह ठहर सा गया। इतना ही नहीं शादी की रस्में पूरी होने के बाद दुल्हन भी बैलगाड़ी में बैठकर ही विदा हुई।
अनोखी शादी के सभी हुए दीवाने
दरअसल, बबेरू के रहने वाले विजय विक्रम सिंह के भांजे आलोक बचपन से उनके पास रहते हैं। उन्होंने भांजे की शादी भदावरी गांव के पुत्तन सिंह की बेटी सारिका से तय की। सोमवार को अनोखे अंदाज में बारात लेकर गांव पहुंचे। चमक-धमक और लग्जरी गाड़ियों के बजाए बाराती 40 बैलगाड़ी से बारात लेकर गए।
बारात में 15 घुड़सवार भी शामिल
बारात में 15 घुड़सवार भी साथ चल रहे थे। बैलगाड़ियों का काफिला देखने वालों की भीड़ सी लग गई। मंगलवार सुबह दुल्हन भी बैलगाड़ी पर ही विदा होकर अपनी ससुराल पहुंची। सभी बैलगाड़ी वालों को दूल्हे के परिवार की ओर से एक-एक चांदी का सिक्का और विदाई दी गई।
करीब 10 किमी का सफर किया
बबेरू कस्बे से भदावरी गांव लगभग 10 किलोमीटर दूर है। बारात जहां-जहां से भी निकली। राहगीरों ने बैलगाड़ियों के काफिले के सेल्फी भी ली। लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया। वैसे दूल्हा मूलरूप से फतेहपुर के मलवां गांव का रहने वाला है। लगभग 20 साल पहले पिता की मौत के बाद मामा के घर आकर रहने लगे। दूल्हे आलोक की मां फतेहपुर मलवां में ही रहती हैं।
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