समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा विकास प्राधिकरण की कागुजारियां किसी से छिपी नहीं हैं। शहर में बिना नक्शा पास कई बिल्डिंग बन रही हैं। ये बिल्डिंग मानक भले ही पूरी न कर पा रही हों, लेकिन बीडीए को चढ़ावा चढ़ाने के कारण इनके लिए पूरी छूट है। कुछ ऐसी हैं जिनमें सीलिंग के बाद भी खेल चल रहा है। हालांकि, इस विषय पर बाद में बात करेंगे।
बीडीए कार्यालय के ठीक सामने ही यह दुकान..
फिलहाल बांदा विकास प्राधिकरण की एक बड़े गड़बड़झाले का नमूना आपको दिखाते हैं। नीचे दिख रही फोटो बांदा विकास प्राधिकरण कार्यालय के सामने स्थित मिठाई की दुकान की है।
यह दुकान डबल स्टोरी है। इसे बीते वर्ष मई में नियम विरुद्ध और नक्शा पास न होने की कारण सील कर दिया गया था। फिर प्राधिकरण के जिम्मेदारों ने ऐसा जादू चलाया कि दुकान की सील खुल गई और मिठाई बिकने लगी। इतना ही नहीं अंधेर तो तब मच गया, जब इस दुकान के ऊपर वाली दुकान पर पहुंचने के लिए सड़क पर लोहे की सीढ़ी लगाकर रास्ता बना लिया गया।
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यह सबकुछ बीडीए दफ्तर के ठीक सामने सड़क के दूसरी तरफ हो रहा है। वह भी मुश्किल से 100 मीटर की दूरी पर। अब आप समझ सकते हैं कि विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार लोग किस तरह अंधेर मचा रहे हैं। क्या बीडीए सचिव को आते-जाते यह दुकान नहीं नजर आई होगी..?
बिना अफसरों की मिलीभगत के संभव नहीं
क्या ऐसा बिना अधिकारियों की मिलीभगत और उनकी प्रभावित कार्यशैली के बगैर संभव है कि कोई दुकानदार बीडीए के सामने लोहे की सीढ़ी सड़क पर लगाकर ऊपर का रास्ता बना ले। या सील दुकानें खुल जाएं और वह भी बिना ठोक कार्रवाई के। अब कई सवाल उठ रहे हैं कि जब दुकान सील हुई तो खुली कैसे..? दुकान के सामने लोहे की सीढ़ी लगाने को अधिकारी क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं। बीडीए अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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