मनोज सिंह शुमाली, बांदा : मुख्यमंत्री योगी योगी आदित्यनाथ खुद जनता दरबार लगा रहे हैं, ताकि आम आदमी की समस्याओं को निराकरण हो सके। मुख्यमंत्री की सादगी-मानवता देखिए कि वे फरियादियों को बैठाते हैं और खुद उनके पास जाकर समस्याएं सुनते हैं। वहीं दूसरी ओर बांदा में अफसरशाही का विचलित करने वाला दृश्य देखने को मिला है। अधिकारी फरियादियों को दुत्कार कर बाहर निकाल रहे हैं तो उनके सुरक्षाकर्मी थप्पड़ बरसा रहे हैं। पीट रहे हैं और अभद्रता कर रहे हैं।
डीएम कार्यालय के बाहर फरियादी को सिटी मजिस्ट्रेट के गनर ने पीटा
बांदा में ऐसे ही एक मामले का आज वीडियो वायरल हुआ तो देखने वालों के होश उड़ गए। वीडियो में दिख रहा है कि बांदा सिटी मजिस्ट्रेट का गनर एक फरियादी पर थप्पड़ बरसा रहा है। अभद्रता करते हुए हाथ पकड़कर खींच है। वीडियो बहुत तेजी से वायरल हुआ। यह वीडियो इस बात का भी सबूत है कि बांदा के प्रशासनिक अमले में इस समय कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो खुद को जनता का सेवक नहीं, बल्कि जनता को अपना सेवक समझकर काम कर रहे हैं। उनकी यही सोच सरकार की छवि भी धूमिल कर रही है।
वायरल वीडियो ने उड़ाए सबके होश, अधिकारियों में भी हड़कंप मचा
आज वायरल वीडियो के बारे में बताया जा रहा है कि उक्त युवक अपने भाई की मौत के बाद किसान दुर्घटना बीमा के लिए फरियाद लेकर सिटी मजिस्ट्रेट के पास पहुंचा था। उनको अपनी समस्याएं बता रहा था। इसके बाद क्या हुआ, अंदर क्या बात हुई, किसी को नहीं पता। सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि युवक उत्तेजित हो गया था। इसलिए उसे बाहर निकाला गया। वहीं वीडियो में दिखाई दे रहा है कि युवक परेशान सा बाहर आता है और बेंच पर बैठकर कागज कलम लेकर कुछ लिखने की कोशिश कर रहा है। इसी बीच गनर कंधे पर उल्टा शस्त्र टांगे उसके पास पहुंचता है। फिर सड़क छाप गुंडे की तरह सिटी मजिस्ट्रेट का गनर युवक को पीटना शुरू कर देता।
मामले को दबाते नजर आ रहे अधिकारी, युवक पर ही दोषारोपण
चौंकाने वाली बात यह है कि यह सबकुछ वहां हुआ, जहां से चंद कदमों की दूरी पर जिले की मुखिया यानी जिलाधिकारी बैठती हैं। अब डीएम कार्यालय के बाहर फरियादियों के साथ ऐसा बर्ताव होगा, तो बाकी जगह क्या हालात होंगे। समझा जा सकता है। उधर, पहले तो अधिकारियों का रुख युवक पर ही दोषारोपण वाला नजर आया।
गल्ती मानने की बजाए, फरियादी को दोषी ठहराने में लगा सरकारी अमला
लेकिन मामले ने तूल पकड़ा तो बांदा पुलिस ने ट्वीटर के जरिए बताया कि उक्त युवक ने सिटी मजिस्ट्रेट से अभद्रता करने का प्रयास किया। इसलिए उसे बाहर निकाला गया। सिपाही ने फरियादी युवक को क्यों पीटा। इस बारे में कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि, बांदा पुलिस की ओर से कहा गया है कि सीओ सिटी को मामले की जांच सौंपी गई है। बहरहाल, इस वीडियो ने पूरे प्रशासन की छवि को गहरी चोट पहुंचाई है। वहीं सरकार की छवि भी धूमिल की है।
गनर-अधिकारी के रुख से लोग हैरान, सिटी मजिस्ट्रेट ने कही यह बात..
उधर, सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने मीडिया को बताया कि उनको वीडियो वायरल होने के बाद पता चला कि गनर ने फरियादी युवक को पीटा है। इसकी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को भेज रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या एक फरियादी के साथ ऐसा व्यवहार उचित है। क्या जिम्मेदारों के इस आचरण से सरकार की छवि खराब नहीं हो रही?
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