
Women’s Day : विरासत को बखूबी संभालतीं बांदा की ये अपराजिता..
मनोज सिंह शुमाली, बांदा : Women'day Special हर साल 8 मार्च का यह दिन दुनियाभर में महिलाओं के योगदान, उनके त्याग और साहस को समर्पित रहता है। आज तमाम संघर्षों से लड़ते हुए महिलाएं हर क्षेत्र में नई कीर्ति स्थापित कर रही हैं। बुंदेलखंड के बांदा में भी ऐसी ही कुछ अपराजिता हैं जो अपनी विरासत को बखूबी संभाल रही हैं। आइये मिलिए इन महिलाओं से, जिन्होंने जीवन के संघर्षों से कभी हार नहीं मानी। आज उपलब्धियों का नया इतिहास रच रही हैं। ये हैं बांदा की अपराजिता।
नाना-दादा की विरासत को संजोती राजनेता अमिता बाजपेई
बांदा में महिला राजनेता के तौर पर अमिता बाजपेई एक ऐसा निर्विवादित नाम है जिन्हें अपने दादा और नाना से समाजसेवा और राजनीति की एक समृद्ध विरासत मिली है। बुंदेलखंड में रूढ़िवादिता की चुनौतियों को पार कर अमिता अपनी विरासत को बखूबी संभाल रही हैं। उन्होंने वर्ष 2009 में बांदा-चित्रकूट लोकसभा...