समरनीति न्यूज, हमीरपुर : हमीरपुर में छात्र से कुकर्म करने के बाद उसकी हत्या के मामले में दोषी आरएसएस के पूर्व नगर प्रचारक को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बुधवार को विशेष न्यायाधीश (डकैती) कोर्ट ने नगर प्रचारक को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा दी। अदालत ने उसके उपर 1.10 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माने की धनराशि से 1 लाख रुपए छात्र के पिता को दिए जाएंगे। विशेष न्यायाधीश (डकैती) पीके जयंत की अदालत ने यह सजा सुनाई।
2007 में अपहरण के बाद हुई थी कक्षा 9 के छात्र की हत्या
अपर शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मणिकर्ण शुक्ला व सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेश तिवारी की ओर से इसकी जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि 12 दिसंबर 2007 को कक्षा 9 का छात्र, दोषी हरनाम सिंह सेंगर से पढ़ने पहुंचा था। हरनाम, रानी लक्ष्मीबाई नगर में रहता था। फिर छात्र वापस घर नहीं लौटा। घटना के 8 महीने बाद पुलिस ने जांच के दौरान 22 अगस्त 2008 को हरनाम सिंह सेंगर को पकड़ा।
16 बाद आया कोर्ट का फैसला
साथ में सरस्वती विद्या मंदिर के व्यायाम शिक्षक पंकज सिंह समेत छात्र के दो नाबालिग साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया। मामले में मुख्य आरोपी हरनाम रहा। उसने छात्र की हत्या कर शव यमुना में फेंकने का जुर्म कबूल कर लिया था। छात्र की पैंट, डायरी और चप्पलें संघ के प्रेरणाकुंज कार्यालय से घटना के आठ महीने बाद पुलिस ने बरामद की थीं। हालांकि, पुलिस छात्र का शव बरामद नहीं कर पाई थी।
मुंह छिपाते कोर्ट से निकला हत्यारा
कोर्ट से सजा सुनाए जाने पर दरिंदा हत्यारा हरनाम सिंह सेंगर कोर्ट रूम से मुंह अंगौछे से छिपाकर निकला। अन्य बंदियों ने उसे घेर रखा था। दरिंदे के कुछ साथी भी मौजूद रहे।
कई दिन चले थे वकीलों के प्रदर्शन
शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता का 13 साल का नाती 12 दिसंबर 2007 को गायब हो गया था। 13 दिसंबर को कोतवाली में गुमशुदगी और फिर 17 दिसंबर को अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज हुआ। वकीलों ने कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया था। तत्कालीन एसपी नचिकेता झा ने चुनौती मानते हुए एसटीएफ को घटना की जांच सौंपे जाने से पहले ही खुलासा कर दिया। अदालत का फैसला भी बेहद सराहनीय रहा। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि दोषी को फांसी होनी चाहिए थी।
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