
समरनीति न्यूज, बांदाः मेरठ में एसएसपी रहे आईपीएस दीपक कुमार अब चित्रकूटधाम मंडल के डीआईजी बन गए हैं। पुलिस विभाग में ईमानदार और साफ-सुथरी छवि के लिए पहचाने जाने वाले दीपक कुमार 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। 2005 बेच के आईपीएस अधिकारी दीपक कुमार मूल रूप से बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं।
साफ-सुथरी और ईमानदार छवि है पहचान
लखनऊ के एसएसपी भी रह चुके हैं। बिहार के बेगूसराय में जन्में आईपीएस अधिकारी दीपक कुमार बनारस यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में बीए करने वाले दीपक कुमार एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और पुलिस की नौकरी में लापरवाही उनको कतई पसंद नहीं है। वह दिल्ली से कानून की पढ़ाई भी कर चुके हैं।
योग्यता और काबलियत की नहीं कोई कमी
बहुत कम लोग जानते हैं कि वर्ष 2003 में दानिक्स कैडर यानि दिल्ली-अंडमान निकोबार दीप समूह कैडर में उनका चयन हुआ था। इसके बाद उनको दिल्ली पुलिस में एएसपी का पद मिला। अपने पद पर काम करते-करते 2005 में उन्होंने भारतीय सिविल सर्विस की परीक्षा में फिर बाजी मारी और पहले ही प्रयास में आईपीएस अधिकारी बने। इससे पहले वह मेरठ, बनारस, गाजियाबाद जैसी जगहों पर तैनात रह चुके हैं।
बांदा में डकैत और अवैध खनन ही टारगेट
गुरुवार को कार्यभार ग्रहण करने के बाद डीआईजी श्री कुुमार ने कहा कि यहां की भौगोलिक स्थिति की अभी उनको कोई खास जानकारी नहीं है लेकिन वह पूरी ताकत के साथ डकैतों के खात्मे के लिए अभियान चलाएंगे। इसके लिए एसटीएफ की मदद भी ली जाएगी। अवैध खनन पर कार्रवाई के सवाल पूछने पर डीआईजी ने कहा कि बुंदेलखंड में अवैध खनन सबसे बड़ी समस्या है। इसके खिलाफ रणनीति बनाकर कार्रवाई की जाएगी।
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