
मनोज सिंह शुमाली, बांदाः चित्रकूटधाम मंडल के डीआईजी दीपक कुमार की सराहनीय कार्यशैली का लोहा महकमे के उच्चाधिकारियों के साथ-साथ सरकार ने भी माना है। बीते कुछ माह में चित्रकूटधाम मंडल में रहते हुए उन्होंने कई ऐसे सराहनीय कार्य किए, जिनका कोई जोड़ नहीं है। फिर चाहे बात उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में दहशत का पर्याय बने 6 लाख के ईनामी दुर्दांत डकैत बबली कोल के पांव उखाड़ फेंकने की हो या प्रदेशभर में फैली सीएए हिंसा की आंधी में बुंदेलखंड में शांति की लहर बनाए रखने की। इस मौके पर बातचीत के दौरान डीआईजी दीपक कुमार ने कहा कि बुंदेलखंड में पुलिस शानदार ढंग से काम कर रही है। बताते चलें कि हाल की रिपोर्ट में बांदा मंडल में अपराधों में गिरावट दर्ज की गई है। कहा जा रहा है कि आपराधिक वारदातें कम हुई हैं।
डकैत उन्मूलन-सीएए जैसे मोर्चों पर नई मिसाल बनाई
हर मोर्चे पर, मृदुभाषी और सौम्य व्यक्तित्व के धनी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं चित्रकूटधाम मंडल के डीआईजी दीपक कुमार ने खुद की अचूक कार्यशैली का लोहा मनवाया। साथ ही महकमे का भी सिर सम्मान से ऊंचा किया। सरकार ने भी उनकी कर्तव्य परायणता को स्वीकारा। अब पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह द्वारा अवार्ड के तौर पर इस वर्ष का प्रशंसा चिह्न ‘प्लेटिनम’ उनको देने की घोषणा की है।

4 जुलाई 2019 को बने थे बांदा मंडल के डीआईजी
बताते चलें कि 4 जुलाई 2019 को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दीपक कुमार ने डीआईजी के तौर पर बुंदेलखंड के चित्रकूटधाम मंडल में कार्यभार संभाला। इसके बाद बुंदेलखंड के जंगलों में दहशत का पर्याय बने 6 लाख के ईनामी बदमाश बबुली कोल और दूसरे बदमाशों के सफाए को बेहद कारगर योजना तैयार की।
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इस योजना ने असर दिखाया और कई साल से पुलिस के लिए चुनौती बना डकैत बबुली कोल समेत अन्य डकैतों के पांव उखड़ गए। सभी डकैत यूपी और एमपी के जंगलों में जान बचाकर भाग रहे थे। बाद में 16 सितंबर 2019 में बबुली कोल मुठभेड़ में साथी के साथ मारा गया। इसके अलावा कई बड़े बदमाशों की गिरफ्तारियां भी हुईं।

सीएए पर बुंदेलखंड के बांदा जोन में रही पूरी शांति
इसी तरह सीएए को लेकर यूपी में बीते दिनों लगभग प्रदेश के सभी शहरों में हिंसा हुई। राजधानी लखनऊ हो या पश्चिमी यूपी और कानपुर जैसे महानगर, हिंसा से अछूते नहीं रहे। लगभग सभी जगह बवाल हुए, लेकिन बुंदेलखंड जोन में डीआईजी दीपक की सक्रियता के चलते माहौल शांतिपूर्ण रहा।
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उनकी सक्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डीआईजी खुद 20 दिसंबर 2019 को बांदा के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हिंसा वाले दिन अल्पसंख्यक बाहुल्य मर्दननाका मुहल्ले में सीएए के बारे में लोगों को जानकारी दे रहे थे। ऐसे में सरकार ने भी उनके कार्यों को सराहा है। अब उनको अवार्ड के रूप में प्रशंसा चिह्न प्लेटिनम देकर उनको सम्मानित किया जा रहा है। बताते चलें कि पुलिस महकमे में शानदार काम के लिए हर वर्ष पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशंसा चिह्न अवार्ड के रूप में दिए जाते हैं। इनमें प्लेटिनम, गोल्ड, सिल्वर के क्रम में अवार्ड दिए जाते हैं।
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